स्वास्थ्य के लिये बेहद उपयोगी है बबूल का पेड़
दांतों की परेशानी: रोजाना बबूल की छाल को दातून बना कर चबाने से लाभ मिलता है। इससे मसूड़ों की सड़न और खून आना दूर होता है। इससे गंदे दांतों को भी साफ किया जा सकता है। आप दांतों को साफ करने के लिये 60 ग्राम बबूल का कोयला, 24 ग्राम रोस्ट की हुई फिटकिरी और 12 ग्राम काला नमक मिक्स कर के मंजन करें।
एक्जिमा: 25 ग्राम बबूल की छाल और आम की छाल को 1 लीटर पानी में उबाल कर एक्जिमा वाले भाग की भाप से सिकाई करें। सिकाई के बाद उस भाग पर बाद में घी लगा लें। इसके अलावा बबूल के पत्तों को पीस कर एक्जिमा वाली त्वचा पर लगाने से भी बीमारी में लाभ मिलता है।
टॉन्सिल: बबूल की छाल का गरम काढा बनाइये और उसमें काला नमक मिला कर गरारा कीजिये। इससे टॉन्सिल तुरंत ही ठीक होगा।
कंजक्टिवाइटिस: रात को सोने से पहले कंजक्टिवाइटिस वाली आंखों पर बबूल के ताजे पत्ते पीस कर लगाएं और इसे किसी साफ कपड़े से बांध दें। दूसरी सुबह आंखों से दर्द और लालिमा चली जाएगी।
आंखों से पानी आना: 250 ग्राम बबूल की पत्तियों को पानी में तब तक उबालें जब तक कि पानी एक चौथाई ना हो जाए। फिर इस पानी को एक साथ पानी में भर कर रख लें। इसके बाद इससे अपनी आंखों की पलको को सुबह-शाम धोएं।
लिकोरिया बबूल इस रोग को ठीक करने के लिये बबूल की छाल का प्रयोग किया जाता है। बबूल की छाल का काढा प्रयोग करें।
खांसी में लाभकारी बबूल की मुलायम पत्तियों को पानी में उबाल कर दिन में तीन बार पीने से खांसी और सीने का दर्द ठीक होता है। आप चाहें तो बबूल के गोंद को मुंह में रख कर चूस भी सकते हैं।
चोट लगने या जलने पर बबूल की पत्तियों को घाव लगने, जलने या चोट लगने पर इस्तमाल किया जाता है। यह दाग लगने से रोकता है। बबूल की पत्तियों को पीस कर लगाएं।
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